क्रिकेट के जादू से शिक्षा की ओर: स्कूल न जाने वाली आदिवासी लड़कियों की प्रेरक कहानी क्रिकेट के जादू से शिक्षा की ओर: स्कूल न जाने वाली आदिवासी लड़कियों की प्रेरक कहानी 8 अप्रैल 2025 “हम स्कूल नहीं जाते थे। दिन भर इधर-उधर घूमते रहते थे। खैनी खाते थे। नाले के पास के पेड़ों पर चढ़ते थे। कोई-कोई नाले में भी गिर जाता था। जुआ भी खेलते थे। सड़कों पर घूमना, कभी किसी के घर चोरी करना, तो कभी लोहा बीनने जाना और उससे मिलने वाले पैसों से खाना खाना। लेकिन, अब सब बदल गया।” पंद्रह वर्षीय निशा मरकाम अपने हाथों में पकड़ी गेंद को देखकर बताती है कि वह कैसे बदली। क्योंकि, इसी गेंद ने उसकी जिंदगी बदल दी। निशा अपने घर के पास के मैदान पर रोजाना क्रिकेट का अभ्यास करती है और झूलन गोस्वामी जैसी बॉलर बनने का सपना देखती है। उस जैसी और 20 आदिवासी लड़कियां हर सुबह और दोपहर अपनी बस्ती के पास के मैदान पर अभ्यास करती हैं और बड़े मैदान पर क्रिकेट खेलने का सपना देखती हैं। उन्होंने अपनी ताकत पर नागपुर के एक बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट की ...
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